श्री भैरव देव जी की आरती shree bherav dev ji ki aarti

 जय भैरव देवा आरती jai bherav deva aarti 



जय भैरव देवा , प्रभु जय खेतल देवा ।
दुष्टन दलन भयकारी , संतन सुख देवा ॥

तीन लोक में भैरव , महिमा है भारी ।
क्षेत्रपाल कहलावो , पूजे नर नारी ॥

कोतवाल काशी रा . काळी रा लाला ।
रखवाला भगतां रा , खेतल मतवाळा ॥

मुकुट सुहावे सिर पर , शोभा है न्यारी ।
हाथ त्रिशूल सुहावे , खड्ग खप्परधारी ।।

गले वेजन्ती माला , पग घुंघरू बाजे ।
डमरू डोले कर में , कुण्डल प्रिय लागे ।

तेल सिन्दूर को मुख पे , लेप भलो सोवे ।
शिव स्वरूप भैरव की , मूरत मन मोवे ॥

चमत्कार कलजुग में , खेतल दिखलावे ।
निज भगतां री खेतल , झोली भर जावे ॥

भैरवनाथ की आरती , जो कोई नर गावे ।
दास अशोक जगत में , सुख संपत्ति पावे ॥


भैरु जी की आरती BHERU JI KI AARTI