JAI BHERUNATH HARE AARTI जय भैरूनाथ हरे आरती। (BHAIRAV BABA KI AARTI)

भैरु जी की आरती BHERU JI KI AARTI 

BHAIRAV NATH KI AARTI 

 जय भैरूनाथ हरे , जय जय भैरूनाथ हरे ।
जो कोई शरणे आवे , दुखड़ा दूर करे ।।

ऊँचा आप विराज्या , सिर छतर धारी ।
लाल श्रृंगार सजायो , मंगल मन हारी ॥

निर्धन ने धन देवे , दारिद दूर करे ।
पुत्रहीन सुख पावे , सब रा काज सरे ।।

सिसोदा देवल में , जगमग जोत जले ।
साँचा मन जो ध्यावे , सब सुख शान्ति मिले ॥

निज पनघट में आसन , दुनियाँ दर्श करे ।
भैरव महिमा मोटी , सब गुणगान करे ।।

शंख नगाड़ा झालर , री झणकार पड़े ।
होय आरती भैरव , भक्तन भीड़ पड़े ।।

सब भोपाजी हिलमिल , सेवा पूजा करे ।
दास प्रभु दड़वल सूं , अरजी आय करे ॥

भैरूनाथ री आरती , जो गुणगान करे ।
दुखड़ा सब मिट जावे , भव सूं पार करे ।।

जय भैरूनाथ हरे , जय जय भैरूनाथ हरे।
जो कोई शरणे आवे , दुखड़ा दूर करे ।।
(भैरु नाथ का भजन 
भैरव चालीसा 
BHAIRAV AARTI 
BHAIRAV JI KI AARTI )